नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में शनिवार को आरोपी बिभव कुमार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। तीस हजारी कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की न्यायिक हिरासत 16 जुलाई तक बढ़ा दी है। इससे पहले बीती दो जुलाई को हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की ओर से स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका की विचारणीयता को स्वीकार कर लिया। न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा ने आदेश सुनाया और निर्णय के लिए सुरक्षित रखा गया था। दिल्ली पुलिस ने याचिका पर नोटिस जारी करने का विरोध किया था। शुरुआत में दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने याचिका पर प्रारंभिक आपत्तियां उठाई थीं। उन्होंने कहा कि याचिका विचारणीय नहीं है, क्योंकि कुमार ने अपनी याचिका में यह खुलासा नहीं किया कि उन्होंने सीआरपीसी की धारा 41ए का अनुपालन न करने के मुद्दे पर ट्रायल कोर्ट में आवेदन दायर किया था, जिसे खारिज कर दिया गया था। वहीं तीस हजारी कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की न्यायिक हिरासत को पहले 6 जुलाई तक बढ़ा दिया था। न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद बिभव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। बिभव पर आरोप है कि उन्होंने 13 मई को केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल के साथ बेरहमी से मारपीट की थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया था। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने इसी मामले में बिभव कुमार के खिलाफ सबूत मिटाने और झूठी जानकारी देने मामले में आईपीसी की धारा 201 को जोड़ा है। उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त मनोज कुमार मीना ने सबूत मिटाने की धारा जोड़े जाने की पुष्टि कर चुके हैं। आरोप है कि मामला दर्ज होने के बाद बिभव कुमार ने मुंबई जाकर अपना मोबाइल फोन फॉर्मेट कर दिया था। पुलिस बिभव को दो बाहर मुंबई भी लेकर गई, लेकिन बिभव ने पुलिस की जांच में सहयोग नहीं किया।
स्वाति मालीवाल मारपीट मामले में बिभव कुमार को राहत नहीं
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