नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में बारिश तो हो रही है लेकिन मूसलाधार नहीं हो रही है। मूसलाधार बारिश होने से पहले ही दिल्ली में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बता दें कि पिछले साल भी दिल्ली बाढ़ के कारण डूब गई थी। कई इलाकों में पानी भर गया था और आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। उत्तराखंड और हिमाचल के पहाड़ी इलाकों से भारी बारिश के कारण हथिनीकुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शाम जलस्तर बढ़ने के बाद हथिनीकुंड बैराज के 5 गेट खोले गए हैं। पानी को बड़ी यमुना में डाइवर्ट किया गया है। इस बीच खबर है कि बाढ़ जैसे हालात से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष ने एकीकृत “दिल्ली आपातकालीन नियंत्रण कक्ष” के रूप में काम करना शुरू कर दिया है और चौबीसों घंटे जलभराव की स्थिति की वास्तविक समय पर निगरानी के लिए लाइव फीड शुरू हो गई है। पिछले सप्ताह भारी बारिश के बाद, जल एवं लोक निर्माण मंत्री आतिशी ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज के साथ जलभराव की तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही सभी विभागों से नोडल एजेंसी के रूप में लोक निर्माण विभाग के साथ एक एकीकृत नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा। अब तक लोक निर्माण विभाग, दिल्ली नगर निगम नई दिल्ली नगर पालिका परिषद और दिल्ली विकास प्राधिकरण सहित सभी नागरिक एजेंसियों के पास अलग-अलग नियंत्रण कक्ष और हेल्पलाइन नंबर थे, और मंत्रियों ने सभी एजेंसियों को एक ही स्थान से काम करने को कहा।
उत्तराखंड-हिमाचल की बारिश बनी दिल्ली का सिरदर्द अभी से मंडराने लगा बाढ़ का खतरा
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