नई दिल्ली । सेना में रिटायर्ड स्थायी कैप्टन को पेंशन के भुगतान से संबंधित वन रैंक वन पेंशन के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार द्वारा तीन महीने में फैसला लेने की मांग वाली दलील ठुकरा दी है और केन्द्र सरकार पर 5 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्ते मे जुर्माना जमा करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 14 नवंबर तक इस मसले पर केन्द्र सरकार को फैसला लेने का आदेश दिया। इस मामले पर केन्द्र सरकार की तरफ से अभी तक कोई फैसला नहीं लिए जाने की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराज़गी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम 10 लाख का जुर्माना लगा रहे हैं।
जस्टिस संजीव खन्ना ने केन्द्र सरकार के वकील ए एसजी ऐश्वर्या भाटी से कहा कि आप 5 लाख का भुगतान करें। अगर सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है, तो मैं कुछ नहीं कर सकता। इससे इन अधिकारियों को कोई राहत नहीं मिलती।
वन रैंक वन पेंशन योजजा के तहत स्थाई कैप्टन को देय पेंशन के बारे में अभीतक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जस्टिस खन्ना ने पूछा कि कितने साल तक ऐसा ही चलता रहेगा?
कोर्ट ने कहा, वे रिटायर कैप्टन हैं। उनकी कोई बात नहीं सुनी जाती। उनकी सरकार तक इन लोगों तक कोई पहुंच नहीं है या तो सरकार 10% अधिक भुगतान करना शुरू करें या जितना बनता है उतना भुगतान करें। कोर्ट ने सरकार को कहा है कि आप अपना विकल्प चुनें।
वन रैंक वन पेंशन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार पर 5 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया
Leave a comment
Leave a comment