नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि कवच का डेवलपमेंट एक सिस्टमेटिक वे में चल रहा था। कवच 4.0 हर भौगोलिक स्थिति में काम कर सके इसके लिए 17 जुलाई को डेवलपमेंट पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि रेलवे ने 10 हजार लोकोमोटिव में इसे लगाने का ऑर्डर दिया है। अब बड़े स्तर पर इसे लागू किया जाएगा। जितने कवच पहले इन्टॉल हुए थे उन्हें भी 4।0 पर अपग्रेड किया जा रहा है। यह हर भौगोलिक स्थिति जंगल, रेत, पहाड़ सबमें काम करेगा। रेलमंत्री ने कहा कि मुम्बई से दिल्ली और दिल्ली से कोलकाता पर काम चल रहा था। अब चेन्नई से मुम्बई और चेन्नई से कोलकता पर काम शुरू होने वाला है। अक्टूबर से यह लगना शुरू हो जाएगा। इसमें दो साल का वक्त लगेगा।
रेल मंत्री ने कहा कि दिल्ली मुम्बई का काम अगले साल मार्च तक पूरा हो जाएगा। तीन कम्पनी को इस काम के लिए लगाया गया है। दो और कम्पनी है जिनका काम बहुत ही एडवांस स्टेज पर है।
रेल मंत्री ने बताया कि इन दो कम्पनी के आने से 5.5 हजार किलोमीटर में एक साल में कवच इन्टॉल हो पाएगा। चार साल के अंदर लगभग 20 हजार गाड़ियां कवर हो जाएंगी। देश में हमारे 8,000 स्टेशन हैं। इन्हें भी कवच से कम्पलीट करना है। अगले साल जनवरी में 8000 स्टेशन के कवच के लिए टेंडर करेंगे। 70,000 किलोमीटर के ट्रैक पर अगले 2।5 साल में आरएफआईडी लग जाएगा। रेल मंत्री ने दावा किया है कि दुनिया के बाकी सेफ्टी सिस्टम से कवच बेहतर है। अभी यूएचएफ से फोर जी में जा रहा है। इसके बाद फाइव जी में शिफ्ट किया जाएगा। रेल मंत्री का दावा है कि तीन बडे़ एक्सीडेंट का कारण ट्रैक, ड्राइवर का ऑपरेशन और कुछ बीच में आना था।
कवच ड्राइवर से संबंधित कोई गलती है तो उसको सॉल्व करेगा अभी तक जितनी टेस्टिंग हुई है उसमें 100 प्रतिशत काम किया है। कवच सिस्टम से ट्रेन की स्पीड में कोई परिवर्तन नहीं आएगा। अभी तक हमारे देश में 60 से 70 के बीच का स्पीड ट्रैक है। उसके बढ़ाकर 100 फिर 110 और फिर 130 करने की योजना है। वंदे भारत ट्रेन में भी कवच सिस्टम 4.0 अपडेट किया जाएगा। दो बैच में सभी इंजन में कवच सिस्टम लगा दिया जाएगा। 4 साल में सभी कवच सिस्टम लगा दिया जाएगा। 8 हजार रेलवे स्टेशन है उन सभी को 5 महीने में रडार सर्वे किया जाएगा। देशभर के सभी रेलवे स्टेशन का रेडर सर्वे किया जाएगा। ताकि कवच सिस्टम ट्रैक पर लगाने में आसानी होगी।
रेलवे ने 10 हजार लोकोमोटिव में कवच लगाने का ऑर्डर दिया – रेल मंत्री
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