चंडीगढ़। अगर पंजाब पुलिस की गाड़ी आपकी गाड़ी से साइड मांगे तो देर मत कीजिएगा। कहीं ऐसा ना हो कि आपके ऊपर नशा तस्करी का झूठा केस दर्ज हो जाए और आपको जेल में रहना पड़े। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि एक सच्ची घटना है। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में पंजाब पुलिस का चेहरा एक बार फिर बेनकाब हुआ है। हाईकोर्ट ने पुलिस की तरफ से नशीले कैप्सूल रखने के आरोपी बनाए गए लवप्रीत सिंह को रेगुलर जमानत देते देते हुए कहा, पुलिस की हाई हैडनेस की हद है। इस तरह से निर्दोष लोगों को एनडीपीएस के मामले फंसा कर पुलिस समाज में भय का माहौल बना रही है और ये सरासर गलत है। कोर्ट ने पंजाब के डीजीपी को कोर्ट में एफिडेविट दाखिल करने को कहा गया है और साथ ही दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने के आदेश दिए। 20 सितंबर को अगली सुनवाई में कपूरथला के एसएसपी को हाईकोर्ट में पेश होने होने के आदेश दिए गए हैं।
दरअसल, पंजाब के कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी के लवप्रीत सिंह को पुलिस की गाड़ी को साइड नहीं दी। 22 जून 2024 का यह मामला है। लवप्रीत अपने खेत से कार में घर लौट रहा था और एक जगह तंग रास्ता था और पुलिस की गाड़ी पीछे थी। पुलिस वालों ने हॉर्न मारे और लेकिन कुछ मिनट देर से लवप्रीत ने रास्ता दे दिया। इस दौरान पुलिस पार्टी ने लवप्रीत की कार रोक ली और उसे थाने ले गए। दो दिन तक घरवालों को पता नहीं लगा कि वह कहां है। इसी बीच लवप्रीत पर नशे के 500 से ज्यादा कैप्सूल रखने के तहत एनडीपीएस का पर्चा दर्ज कर दिया गया। निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद लवप्रीत के परिवार ने हाईकोर्ट का रुख किया, जहां लवप्रीत के वकील ने कोर्ट को बताया कि ये मामला सिर्फ ईगो का है और लवप्रीत को झूठा फंसाया गया है। जब कोर्ट में एफएसएल की रिपोर्ट पेश की गई तो बताया गया कि नशीले कैप्सूल नहीं, बल्कि पैरासीटामोल का सॉल्ट था। बचाव पक्ष के वकील के मुताबिक ये नशीले कैप्सूल की कहानी पुलिस ने खुद रची थी, जो की बेनकाब हो गई।
पुलिस की गाड़ी को साइड नहीं दी तो नशा तस्करी का केस दर्ज किया
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