By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Trendy News LiveTrendy News LiveTrendy News Live
  • Home
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
    • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
  • छत्तीसगढ़
    • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
  • राजनीती
  • धर्म
  • अन्य खबरें
    • मनोरंजन
    • खेल
    • तकनीकी
    • व्यापार
    • करियर
    • लाइफ स्टाइल
Search
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय: बाल यौन शोषण सामग्री को देखना और संग्रहीत करना अपराध
Share
Sign In
Notification Show More
Font ResizerAa
Trendy News LiveTrendy News Live
Font ResizerAa
  • Home
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
  • छत्तीसगढ़
  • राजनीती
  • धर्म
  • अन्य खबरें
Search
  • Home
  • देश
  • विदेश
  • राज्य
  • मध्यप्रदेश
    • मध्यप्रदेश जनसंपर्क
  • छत्तीसगढ़
    • छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
  • राजनीती
  • धर्म
  • अन्य खबरें
    • मनोरंजन
    • खेल
    • तकनीकी
    • व्यापार
    • करियर
    • लाइफ स्टाइल
Have an existing account? Sign In
Follow US
  • Advertise
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Trendy News Live > Blog > देश > सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय: बाल यौन शोषण सामग्री को देखना और संग्रहीत करना अपराध
देश

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय: बाल यौन शोषण सामग्री को देखना और संग्रहीत करना अपराध

Last updated: 2024/09/23 at 5:49 PM
Share
3 Min Read
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय: बाल यौन शोषण सामग्री को देखना और संग्रहीत करना अपराध
SHARE

नई दिल्ली। देश के शीर्षस्थ न्यायालय ने हाल ही में बाल यौन शोषण सामग्री (बाल पोर्नोग्राफी) को देखने और संग्रहीत करने के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। इस फैसले में, कोर्ट ने मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश को पलटा, जिसमें कहा गया था कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए बाल पोर्नोग्राफी देखना या डाउनलोड करना अपराध नहीं है। यह निर्णय यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत कानूनों को और सख्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि किसी व्यक्ति का इरादा बाल पोर्नोग्राफी को साझा करने या व्यावसायिक लाभ के लिए उपयोग करने का है, तो यह पॉक्सो अधिनियम की धारा 15 के तहत अपराध माना जाएगा। इस धारा के तहत तीन अलग-अलग उपधाराएँ हैं।
उपधारा (1): यह किसी व्यक्ति के द्वारा बाल अश्लील सामग्री को हटाने, नष्ट करने या रिपोर्ट करने में विफलता को दंडित करती है।
उपधारा (2): इसमें बाल पोर्नोग्राफी के वास्तविक प्रसारण, प्रदर्शन या वितरण को दंडित किया गया है।
उपधारा (3): यह वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए बाल पोर्नोग्राफी का भंडारण या कब्जा करने को दंडित करती है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इंटरनेट पर बाल यौन शोषण सामग्री को देखने का कार्य, बिना भौतिक रूप से उसे डाउनलोड किए भी, कब्जा माना जाएगा, बशर्ते कि व्यक्ति ने उस सामग्री पर नियंत्रण स्थापित किया हो। अदालत ने बाल पोर्नोग्राफी शब्द की निंदा की और सुझाव दिया कि इसे बाल यौन शोषण और दुर्व्यवहार सामग्री के रूप में संदर्भित किया जाए। यह परिवर्तन इस मुद्दे की गंभीरता को समझने में मदद करेगा। इस निर्णय के माध्यम से, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बच्चों के संरक्षण के लिए भारत की न्याय प्रणाली कितनी संवेदनशील है। यह निर्णय न केवल कानून को मजबूत बनाता है, बल्कि समाज में बाल यौन शोषण के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी देता है। यह अदालती निर्णय उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो इस प्रकार के अपराधों में लिप्त हैं कि ऐसे कृत्यों को सहन नहीं किया जाएगा।

You Might Also Like

हिमालय की गोद से प्राप्त शुद्ध जल से निर्मित टेंसबर्ग, दिल्ली के बीयर बाजार में गुणवत्ता की नई क्रांति…

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आरोप: AAP ने दिल्ली की जनता को धोखा दिया

ट्रंप ने मेक्सिको, कनाडा और चीन पर लगाया टैरिफ, भारत पर असर की संभावना पर वित्त मंत्री ने दिया बयान

केंद्र सरकार ने जेंडर बजट में 37.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की, 4.49 लाख करोड़ रुपये का हुआ आवंटन

उप राष्ट्रपति धनखड़ ने कहा- अवैध प्रवासियों को नहीं झेल सकता देश, युवाओं से की बड़ी अपील

September 23, 2024 September 23, 2024
Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Previous Article स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल बिलासपुर का किया निरीक्षण स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल बिलासपुर का किया निरीक्षण
Next Article छत्तीसगढ़-कोरिया में बाघ के हमले से दो भैंसों की मौत, ग्रामीणों में दहशत का माहौल छत्तीसगढ़-कोरिया में बाघ के हमले से दो भैंसों की मौत, ग्रामीणों में दहशत का माहौल
- Advertisement -
Ad imageAd image
- Advertisement -
Ad imageAd image

Stay Connected

235.3k Followers Like
69.1k Followers Follow
11.6k Followers Pin
56.4k Followers Follow
136k Subscribers Subscribe
4.4k Followers Follow

ताजा ख़बरें

जिला स्तरीय पशु पक्षी प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता का आयोजन 23 और 24 अक्टूबर को सेमरा
जिला स्तरीय पशु पक्षी प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता का आयोजन 23 और 24 अक्टूबर को सेमरा
छत्तीसगढ़ राज्य
गोवर्धन पर्वः प्रकृति से सह-अस्तित्व और समग्र विकास का उत्सव-डॉ. मोहन यादव
गोवर्धन पर्वः प्रकृति से सह-अस्तित्व और समग्र विकास का उत्सव-डॉ. मोहन यादव
मध्यप्रदेश राज्य
प्रदेश की सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक विरासत को सहेजने के भाव से मनाएं आगामी त्यौहार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
प्रदेश की सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक विरासत को सहेजने के भाव से मनाएं आगामी त्यौहार : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मध्यप्रदेश राज्य
CM हेल्पलाइन की पेंडिंग शिकायतों पर सख्ती, अब मुख्य सचिव तक पहुंचेगा जवाबदेही का मामला
CM हेल्पलाइन की पेंडिंग शिकायतों पर सख्ती, अब मुख्य सचिव तक पहुंचेगा जवाबदेही का मामला
मध्यप्रदेश राज्य
//

यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, खेल जगत, लाइफस्टाइल, बिजनेस, सेहत, ब्यूटी, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

संपादक - Rohan Singh Parihar
मोबाइल - 9039648000
ईमेल - [email protected]

छत्तीसगढ़ - Purani Toli , Jashpur

मध्यप्रदेश - SAWARKAR WARD MURWARA KATNI Dist.-KATNI

MP Info RSS Feed

Click Here to Visit MP Info Site

Archives

October 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
« Sep    
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • MP Info RSS Feed
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?