रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद का मंगलवार रात वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता समेत कई हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। वह 95 वर्ष के थे।
मिशन ने एक बयान में कहा कि वह 2017 में रामकृष्ण मिशन के 16वें अध्यक्ष बने थे। मंगलवार को बेलूर मठ में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
बयान में कहा गया, ‘रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के परम पूज्य अध्यक्ष श्रीमत स्वामी स्मरणानंदजी महाराज ने आज रात 8.14 बजे महासमाधि ले ली।’
उन्हें संक्रमण के कारण 29 जनवरी को रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें सांस लेने में समस्या होने लगी। इसके बाद उन्हें तीन मार्च को वेंटिलेटर पर रखा गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘उन्होंने अनगिनत दिलों और दिमागों पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
उनकी करुणा और बुद्धिमत्ता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।’ उन्होंने कहा, “‘वर्षों से मेरा उनके साथ बहुत करीबी रिश्ता रहा है। मुझे 2020 में बेलूर मठ की अपनी यात्रा याद है जब मैंने उनसे बातचीत की थी। कुछ हफ्ते पहले कोलकाता में भी मैंने अस्पताल का दौरा किया था और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी।’ पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने भी उनके निधन पर दुख जताया।
बंगाल की सीएम बनर्जी ने भी दुख जताया।
उन्होंने लिखा, ‘रामकृष्ण मठ और मिशन के अध्यक्ष श्रीमत स्वामी स्मरणानंदजी महाराज के निधन की खबर से बेहद दुखी हूं।
महान संत ने अपने जीवनकाल में रामकृष्ण मिशन का पालन करने वालों को आध्यात्मिक नेतृत्व किया है साथ ही दुनियाभर में करोड़ों भक्तों के सांत्वना का स्त्रोत बने। मैं उनके भक्तों, साथी भिक्षुओं और अनुयायियों के लिए गहरी संवेदनाएं प्रकट करती हूं।’