पाकिस्तान में अब चीन को भी अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है।
यही वजह है कि चीनी ठेकेदारों ने पाकिस्तान में दासू और डायमर भाषा बांध परियोजनाओं पर निर्माण रोक दिया है।
इस सप्ताह एक आत्मघाती हमलावर ने चीनी इंजीनियरों और एक पाकिस्तानी ड्राइवर को ले जा रहे एक वाहन पर हमला कर दिया।
इसमें छह लोगों की मौत हो गई। इसके बाद चीनी कंपनी ने निर्माण कार्य रोकने का फैसला किया। आपको बता दें कि विभिन्न परियाजनों पर पाकिस्तान में करीब 1250 चीनी नागरिक काम करते हैं।
भारत से संबंध बिगड़ने के बाद से लगातार पाकिस्तान का अगर कोई सबसे कट्टर क्षेत्रीय सहयोगी है तो वह चीन है। इसने बेल्ट एंड रोड पहल के तहत बड़े पैमाने पर निवेश के साथ पाकिस्तान के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हालांकि, इस हमले ने पाकिस्तान में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों के लिए सुरक्षा चिंताएं बढ़ा दी हैं।
चीन अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता मानता है और उन्हें कोई भी नुकसान द्विपक्षीय संबंधों में तनाव पैदा करता है। आपको यह भी बता दें कि इस तरह के हमले पाकिस्तान में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजनाओं को प्रभावित कर सकते हैं।
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर लगाया आरोप
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवाद से निपटने में अफगानिस्तान की प्रगति की कमी पर चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने पाकिस्तान के लिए खतरों को कम करने के लिए तालिबान सरकार द्वारा और अधिक कड़े सीमा नियंत्रण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।
आसिफ ने कहा, “आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए सीमा पर बड़े पैमाने पर बदलाव की आवश्यकता है। पाकिस्तान में आतंकवाद का स्रोत अफगानिस्तान ही है। हमारे प्रयासों के बावजूद काबुल इस दिशा में कोई प्रगति नहीं कर रहा है।”
पाकिस्तान में हाल में कई आतंकवादी हमले हुए हैं। वह इनमें से कुछ के लिए तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को जिम्मेदार मानता है। आपको बता दें कि टीटीपी अफगान तालिबान का हिस्सा है।