प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में बच्चों के स्कूल ड्रेस में शामिल होने से विवाद हो गया था।
अब मद्रास हाईकोर्ट ने FIR दर्ज करने पर पुलिस से सवाल किया है कि स्कूली यूनिफॉर्म में रैली में बच्चों की मौजूदगी अपराध कैसे हो गया? साथ ही अदालत ने पुलिस से जवाब भी मांगा है।
इधर, स्कूल प्रशासन ने इनकार किया है कि यूनिफॉर्म में बच्चों को पीएम मोदी को दिखाने लेकर जाने की बात झूठी है।
गुरुवार को इस मामले पर जस्टिस जी जयचंद्रन सुनवाई कर रहे थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘जब हम बच्चे थे, तो हम चुनाव प्रचार अभियान के दौरान हस्तियों और राजनेताओं को देखने जाते थे…।’
अदालत ने स्कूल को बलपूर्वक कार्रवाई के खिलाफ मिली अंतरिम सुरक्षा को अगले आदेश तक बढ़ा दिया है।
साथ ही कोर्ट ने कोयंबटूर पुलिस को 8 अप्रैल तक जवाब देने के लिए कहा है।
इसके जरिए साईं बाबा विद्यालयम मिडिल स्कूल के खिलाफ जेजे एक्ट के तहत FIR दर्ज करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्कूल प्रशासन ने याचिका दाखिल कर FIR को चुनौती दी थी।
अभियोजन पक्ष का कहना है कि स्कूल ने 32 बच्चों को रोड शो में ले जाकर बेवजह शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान किया।
इसपर जज ने कहा कि कैसे सिर्फ जिला बाल संरक्षण अधिकारी की शिकायत के आधार पर FIR दर्ज कैसे की जा सकती है, जिन्हें खुद ही इस मुद्दे के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए पता चला।
स्कूल का कहना है कि प्रबंधन को परेशान करने के मकसद से बदले की कार्रवाई के तौर पर शिकायत की गई है। उसने कहा कि यह बच्चों को सुरक्षित घर भेजने के पूरे प्रयास किए गए थे और माता-पिता को भी निर्देश दिए गए थे।
स्कूल ने कहा, ‘ये आरोप निराधार हैं कि स्कूल बच्चों को चुनाव प्रचार अभियान में जबरन लेकर गया और राजनीतिक प्रतिशोध के साथ शिकायत दर्ज कर मैनेजमेंट को परेशान किया जा रहा है।’