गाजा में सैन्य अभियानों और ईरान के साथ हालिया संघर्ष के बीच अमेरिका एक बार फिर इजरायल का साथ दिया है।
अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की सरकार ने इजरायल को और एक अरब डॉलर (करीब 8340 करोड़) के हथियार बेचने का फैसला किया है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडन प्रशासन इजरायल के साथ 1 बिलियन डॉलर के नए हथियार सौदे पर सहमत हुआ है। इस संबंध में प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए अमेरिकी कांग्रेस की संबंधित समिति को भेजा गया है।
तोपखाने और मोर्टार के गोलों इजरायल को मिलेंगे
हथियार सौदे के अनुसार, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सेना को अमेरिका से तोपखाने के गोले और मोर्टार के गोले मिलेंगे।
संयोग से, 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी सशस्त्र समूह हमास के साथ इजरायल के संघर्ष की शुरुआत के बाद, अमेरिका नेतन्याहू सरकार के साथ खड़ा था।
उस दौरान अत्याधुनिक हथियारों और गोला-बारूद से लदा एक विमान इजरायल के दक्षिणी छोर पर स्थित नेवातिम हवाई अड्डे पर पहुंचा था।
इजरायल और तेज करेगा हमला?
इसके बाद से बाइडन सरकार लगातार इजरायल को हथियार और सैन्य उपकरण मुहैया करा रही है। कथित तौर पर इजरायल गाजा में शरणार्थी शिविरों पर हमलों की श्रृंखला और ईरान के साथ हालिया संघर्षों में लिप्त है।
पिछले शनिवार (13 अप्रैल) आधी रात को ईरानी सेना ने करीब 200 ड्रोन और मिसाइलों से इजरायल पर हमला कर दिया। हालांकि, इजरायल, अमेरिका और जॉर्डन जैसे देशों द्वारा समर्थित एक मजबूत एंटी-मिसाइल प्रणाली के साथ लगभग 99 प्रतिशत ड्रोन और मिसाइलों को नाकाम कर चुका है। जिससे उसे कोई विशेष क्षति नहीं हुई।
शुरुआत से ही इजरायल का ‘रक्षक’ है अमेरिका
इससे पहले 1 अप्रैल को इजरायल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास पर मिसाइल हमला किया था। इस हमले में कई ईरानी राजनयिक और सैन्य प्रतिनिधि मारे गए।
यही कारण था कि ईरान ने इजरायल पर जवाबी हमला बोला। लेकिन इजरायल को अमेरिका का समर्थन कोई नई बात नहीं है। इजरायल देश बनने के शुरुआती दिनों से ही अमेरिका को इजरायलियों के ‘रक्षक’ के रूप में देखा जाता रहा है।
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