ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी तीन दिन के दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे तो कई मुद्दों पर बात हुई।
गाजा पट्टी पर फिलिस्तीनियों के मारे जाने पर शहबाज शरीफ और इब्राहिम रईसी ने दुख जताया तो इस्लामिक भाईचारे का भी आह्वान किया गया।
इसके अलावा दोनों देशों के बीच सालाना 10 अरब डॉलर तक का कारोबार करने पर सहमति बनी। लेकिन अब अमेरिका ने पाकिस्तान को ईरान से कारोबारी रिश्ते रखने से बचने की नसीहत दी गई है।
अमेरिका ने चेताया है कि यदि ईरान से कारोबारी डील की गई तो फिर आर्थिक प्रतिबंध झेलने पड़ सकते हैं।
पाकिस्तान के बलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के लिए ईरान की ओर से चीजें सप्लाई किए जाने पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि हम इसके खिलाफ हैं।
वेदांत पटेल ने कहा, ‘यदि कोई नरसंहार के हथियारों की तकनीक का प्रसार करता है तो हम उस पर ऐक्शन लेंगे।
मैं साफ करता हूं कि यदि ईरान के साथ कोई भी डील करता है तो उसे पाबंदियों के लिए तैयार रहना होगा। अंत में अपनी विदेश नीति को लेकर पाकिस्तान को ही आखिरी फैसला लेना है।’
वेदांत पटेल ने कहा कि हम उन कंपनियों पर पाबंदियां लगा भी दी हैं, जो नरसंहार के हथियारों का प्रसार कर रही थीं या फिर डिलिवरी कर रही थीं। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां चीन और बेलारूस में स्थित हैं।
इसके साथ ही वेदांत पटेल ने ईरानी राष्ट्रपति के पाकिस्तान दौरे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश को ईरान के साथ डील करने से पहले सावधान रहना चाहिए।
उसे समझना होगा कि कुछ पाबंदियां लग सकती हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने पहले ही ईरान पर पाबंदियां लगाई हैं। ऐसे में अब उसका असर उन देशों पर भी दिखेगा, जो उसके साथ डील कर रहे हैं।
बता दें कि रईसी के पाकिस्तान दौरे में दोनों देशों के बीच 8 समझौते हुए हैं। इसी का जिक्र करते हुए वेदांत पटेल ने कहा कि ईरान पर तो पहले से ही पाबंदियां लागू हैं।
अब यदि उसके साथ ज्यादा रिश्ते बढ़ाए तो नुकसान पाकिस्तान को भी हो सकता है। उसे भी कुछ पाबंदियों का सामना करना पड़ सकता है।
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