पाकिस्तान की एक अदालत ने नौ मई, 2023 की हिंसा से संबंधित दो मामलों में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को उनके खिलाफ “अपर्याप्त सबूत” का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को बरी कर दिया।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक खान के समर्थकों ने पिछले साल नौ मई को कथित भ्रष्टाचार मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों सहित सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था।
पीटीआई संस्थापक के खिलाफ शहजाद टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज दो मामलों को चुनौती देने वाली याचिका को इस्लामाबाद के जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायिक मजिस्ट्रेट उमर शब्बीर ने मंजूरी दे दी।
अदालत ने खान (71) को बरी करने का आदेश देते हुए अपने फैसले में कहा, “चूंकि अभियोजन द्वारा पर्याप्त साक्ष्य पेश नहीं किए गए हैं, इसलिए पीटीआई संस्थापक को बरी किया जाता है।”
खान को 15 मई को दो मामलों में बरी कर दिया गया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट साहिब बिलाल ने पूर्व प्रधानमंत्री की याचिका मंजूर करते हुए उन्हें बरी करने का आदेश जारी किया।
खान के खिलाफ दोनों मामले इस्लामाबाद के खन्ना पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए थे। पीटीआई संस्थापक के खिलाफ लंबे मार्च और अनुच्छेद 144 के उल्लंघन के लिए मामले दर्ज किए गए थे।
खान की गिरफ्तारी के बाद, उनके हजारों समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई बिल्डिंग समेत एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की। रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर भी पहली बार भीड़ ने हमला किया।
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