मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सहयोगियों सहित राज्य के राजनीतिक दल सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए राज्य में जाति आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं। इसी बीच सोमवार को स्टालिन ने कहा कि सरकार विधानसभा के मौजूदा सत्र में एक प्रस्ताव लाएगी, जिसमें केंद्र से आम जनगणना के साथ-साथ जाति आधारित जनगणना कराने की आग्रह करेगी।पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के नेता जीके मणि, जिन्होंने वन्नियारों के लिए अलग आरक्षण लागू करने की मांग की थी, को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित जनगणना कराने के बाद ही यह संभव होगा। साथ ही उन्होंने मणि को याद दिलाया कि उनकी पार्टी पीएमके केंद्र में भाजपा के सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा थी।स्टालिन ने कहा कि बिहार में भी जातिवार जनगणना पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि वन्नियारों के लिए आरक्षण का एक अच्छा समाधान तभी निकाला जा सकता है, जब आम जनगणना के साथ जाति आधारित जनगणना की जाए। उन्होंने कहा, 'हमने विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश करने का फैसला किया है जिसमें केंद्र से जनगणना कराने का अनुरोध किया जाएगा।'
तमिलनाडु में जातीय गणना की मांग ने पकड़ा जोर
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